Aruna Shanbaug passes away in mumbai 42 साल बिस्तर पर रहीं अरुणा को नहीं होने दिया एक भी घाव
बलात्कार के बाद मुम्बई के किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) अस्पताल में पिछले 42 साल से कोमा में भर्ती 60 वर्षीय नर्स अरुणा शानबाग तो चली गई लेकिन उनके साथ लंबा वक्त गुजारने वाले एक-एक पल को आज भी याद करते हैं।
छप्पन वर्षीया अर्चना भूषण जाधव ने उसी साल यानि 1973 में मुंबई के किंग एडवर्ड मेडिकल अस्पताल के नर्स ट्रेनिंग कॉलेज में दाखिला लिया था जिस साल वहां की एक नर्स अरुणा शानबाग पर वहीं काम करने वाले एक व्यक्ति सोहनलाल वाल्मीकि ने उनका गला घोंटा, दुष्कर्म किया और बाद में मरा हुआ समझकर छोड़कर चला गया।
अर्चना ने अरुणा के साथ कभी काम नहीं किया लेकिन वो बताती हैं कि अरुणा बेहद खूबसूरत थीं और काम में बहुत सक्षम। अर्चना को उस वक्त की बहुत बातें याद नहीं, लेकिन बस इतना याद है कि वहाँ काम करने वालों ने हड़ताल की थी और इस घटना का विरोध किया था।
Aruna Shanbaug passes away in mumbai 42 साल बिस्तर पर रहीं अरुणा को नहीं होने दिया एक भी घाव
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