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चिदंबरम के बेटे के 21 अघोषित विदेशी बैंक खाते, पर नहीं हो रही कार्रवाई : स्वामी ⋆ Making India



नई दिल्ली. भाजपा नेता डॉ सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया है कि जांच एजेंसियों ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति या उनकी कंपनियों के संबंध में करीब 21 अघोषित विदेशी बैंक खातों के बारे में सूचना दी है.


उन्होंने कहा कि इस बारे में उपयुक्त कदम नहीं उठाया जा रहा है. वित्त मंत्रालय पर इस मामले में चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री से सीधे हस्तक्षेप की मांग की.


स्वामी का दावा है कि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम और उनकी कंपनियों के विदेशी बैंकों में 21 खाते ऐसे हैं जिनकी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को नहीं दी गई है.


कार्ति ने हालांकि स्वामी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे अपमानजनक करार दिया, साथ ही कहा कि सभी सम्पत्तियों का जिक्र आईटी दाखिले में मिलता है.


सुब्रमण्यम स्वामी ने वित्त मंत्रालय पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि वह इस मामले को आगे बढ़ाने को उत्सुक नहीं है.


स्वामी ने आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय की ओर से तीन समन के बाद भी कार्ति के खिलाफ कार्रवाई करने की राजनीतिक मंजूरी नहीं है.


स्वामी ने एक प्रेस नोट में वित्त मंत्रालय और इनकम टैक्स अधिकारियों पर कार्ति चिदंबरम के बारे में जानकारी दिए जाने के बावजूद कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया. कार्रवाई न करने के लिए उन्होंने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर भी निशाना साधा.




डॉ स्वामी ने कहा कि हैरत की बात है कि कार्ति चिदंबरम और उनके नियंत्रण वाली कंपनियों के 21 अघोषित विदेशी खातों की जानकारी मुहैया कराने के बावजूद सीबीआई और ईडी कार्ति के खिलाफ कार्यवाही को सही अंजाम तक पहुंचाने में असफल रहे. तीन बार तलब करने पर भी कार्ति ईडी के सामने पेश नहीं हुए.’


स्वामी का आरोप है कि ‘वित्त मंत्रालय में बैठे चिदंबरम के मित्रों’ के दबाव में इनकम टैक्स डिर्पाटमेंट ने मामले में कार्रवाई नहीं की.


उन्होंने कहा, ‘इनकम टैक्स अधिकारियों को कार्ति चिदंबरम और भारत में उनकी पैरंट कंपनियों की ओर से इन विदेशी खातों के बारे में जानकारी नहीं दी गई.


डॉ स्वामी का दावा है कि ये अकाउंट्स कई विदेशी बैंकों के हैं- मसलन, मोनको के बार्कलेज बैंक, यूके के मेट्रो और एचएसबीसी बैंक, सिंगापुर के स्टैंडर्ड चार्टर्ड और ओसीबीसी बैंक, स्विट्जरलैंड के यूबीएस बैंक आदि.’


आगे कहा गया है, ‘इन सबसे ऐसा लगता है कि मुझे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में नजरअंदाज किए जा रहे ऐसे मामलों में हर बार प्रधानमंत्री की दखल की मांग करनी पड़ेगी. देश को पता है कि वित्त मंत्रालय के समर्थन के अभाव में नोटबंदी की शानदार पहल पूर्ण वांछित परिणाम नहीं दे सकी.’


कार्ति चिदंबरम ने आरोपों को अपमानजनक करार देते हुए कहा कि इनकम टैक्स फाइलिंग में उनके परिवार की और उनकी संपत्तियों का सही-सही जिक्र है. कार्ति ने ट्वीट किया, ‘कानूनी जरूरतों के मुताबिक मेरी कंपनियों ने सभी घोषणाएं की हैं.’


कार्ति ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मेरे बारे में कुछ अपमानजनक दावे किये गए हैं और मेरे आईटी दाखिले में सभी जरूरतों को पूरा किया गया है.



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