पाकिस्तानी सीनेट के डिप्टी चेयरमैन को वीज़ा देने से अमेरिका का इंकार, दौरा रद्द
इस्लामाबाद. अमेरिका की ट्रंप सरकार ने पाकिस्तानी संसद के डिप्टी चेयरमैन मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी को वीजा देने से इनकार कर दिया है. हैदरी को अगले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रायोजित इंटरनैशनल पार्लियामेंट्री यूनियन (आईपीयू) की बैठक के लिए न्यू यॉर्क जाना था.
उन्हें बैठक में दो सदस्यीय सीनेट के दल का नेतृत्व करना था. हैदरी जमात उलेमा-ए-इस्लाम फज्ल (जेयूआई-एफ) से ताल्लुक रखते हैं, जो अमेरिकी नीतियों की आलोचना करता है.
सरकारी यात्रा की बाबत मांगी गई वीजा परमीशन को अमेरिका अनिश्चित काल के लिए लंबित रखा है. तकनीक तौर पर इसे आवेदन को रद करना माना जाता है.
सचिवालय स्टाफ को शनिवार को कहा गया था कि दूतावास उन्हें वीजा के स्टेटस के बारे में जानकारी 14 फरवरी को देगा.
14 फरवरी आईपीयू का आखिरी दिन है. इसका मतलब साफ है कि अमेरिका नहीं चाहता कि डिप्टी चेयरमैन इस बैठक में शामिल हों.
वीजा न देने के कारण पाकिस्तानी संसद के चेयरमैन रजा रब्बानी ने इस समारोह का बहिष्कार करने का एलान किया है. द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक चेयरमैन ने निर्देश दिया है कि कोई संसदीय प्रतिनिधिमंडल तब तक अमेरिका नहीं जाएगा, जब तक वॉशिंगटन या पाकिस्तान स्थित अमेरिकी दूतावास हैदेरी को वीजा न दिए जाने का कारण नहीं बता देता.
संसद के सचिवालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक रब्बानी ने यह भी निर्देश दिया है कि अमेरिकी कांग्रेस या उसके किसी भी राजदूत का पाकिस्तानी संसद स्वागत नहीं करेगी.
गौरतलब है कि दूतावास ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के सांसद ले. जनरल सलाउद्दीन तिरमिजी और प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों को वीजा जारी कर दिया है.
अमेरिकी प्रशासन का यह कदम राष्ट्रपति ट्रंप के 27 जनवरी के उस आदेश के बाद सामने आया है जिसमें उन्होंने सात मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगाया था.
हालांकि कोर्ट के आदेश से इन लोगों को फिलहाल राहत मिल गई है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने पाकिस्तान के संबंध में पूछे जाने पर उसके नागरिकों पर भी ऐसा ही प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव लंबित होने के संकेत दिये थे.
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