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निकम्मे, नाकारा, नालायक, unskilled लोग पूछते हैं मोदी से- क्या किया मेरे रोज़गार के लिए?



कल का दिन जालंधर के होटल में, धर्मपत्नी के स्कूल के लिए टीचिंग स्टाफ की भर्ती के लिए इंटरव्यू लेते बीता.


ट्रिब्यून जैसे अखबार में दो बड़े-बड़े विज्ञापन दिए गए थे जिन्हें समूचे पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में पढ़ा गया…. walk In Interview था.


25000 रूपए मासिक वेतन + रहने-खाने की उत्तम व्यवस्था + जीवनसाथी (अगर हो तो) के लिए उपयुक्त काम (नौकरी) की व्यवस्था + संतान (अगर हों तो) के लिए मुफ़्त शिक्षा…


125 करोड़ लोगों के देश में, जहां सुना है कि बहुत बेरोजगारी है…. जहां देश के प्रधानमंत्री से चुनावी मंचों से सवाल पूछा जाता है कि आपने युवाओं के रोज़गार के लिए क्या किया?


ऐसे में 25000 रूपए की नौकरी और रहना-खाना फ्री और अन्य सुविधाओं के लिए तो कायदे से बेरोज़गारों की लाइन लग जानी चाहिए.


जो लोग इंटरव्यू देने आये, उन्हें देख-सुन-मिल के मैंने अपना माथा पीट लिया। पहली बात तो ये कि बमुश्किल 10-12 लोग आये.


उनमें से 6 तो ऐसे थे जिनकी शक्लो सूरत, व्यक्तित्व, कपडे, जूते, हाव-भाव, चाल-ढाल देख के रोना आ गया.




भाई मेरे, इंटरव्यू देने आये हो यार…. कम से कम आज तो कायदे से कपड़े पहन लो…. क्या तैयारी है?


CV कहाँ है? उठना-बैठना, बोलना-चलना, hand shake… कुछ तो सीखो….


खैर छोड़िये…. एक सज्जन MA हिंदी थे…. उन्होंने जीवन में मुंशी प्रेमचंद के गोदान के अलावा कोई उपन्यास नहीं पढ़ा….


मैंने कहा कि हिंदी के कोई 10 उपन्यासकारों का नाम बता दीजिए.


बहुत सोच के उन्होंने एक नाम बताया…. कृष्णा सोबती.


मैंने पूछा दिनकर की कोई कविता?


उन्होंने रश्मिरथी का नाम तक न सुना था….


जनाब किसी स्कूल में पिछले 8 साल से हिंदी के अध्यापक हैं.


उसी तरह एक बालिका MA english थी.


मैंने पूछा Favourite Authors?


कहती हैं- Shakespeare!


मैंने कहा, अरे भाई उसको तो तुमने MA में पढ़ा होगा न? उसके बाद भी ज़िन्दगी में कुछ पढ़ा?


लोग बेरोज़गारी का रोना रोते हैं…. चाहते हैं कि मोदी जी उनको रोज़गार दे दें…. क्या तैयारी है आपकी?


क्या आता है आपको? क्या skill है?


जिस subject में MA किये हो उसकी 6th क्लास की किताब का सवाल हल कर लोगे?


क्या है तुम्हारे पास जो कोई तुम्हें 25000 पे रख ले? उस 25000 के बदले तुम क्या सेवा दोगे उसे?


मैंने उस नौकरी का विज्ञापन सोशल मीडिया पर भी डाल दिया है. देखते हैं, कितने लोग निकल के आते हैं?


आखिर बेरोजगारों का देश है भाई….


अनपढ़, निकम्मे, नाकारा, नालायक, unskilled लोग पूछते हैं मोदी से…. क्या किया मेरे रोज़गार के लिए?



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