जब प्रजा कह उठे 'जीयो मेरे राजा' ⋆ Making India
अच्छे दिन का नारा समर्थकों के साथ साथ विपक्षियों से भी भुलाया नहीं जा रहा… पता है क्यों ….
एक किस्सा हम आपको बताते हैं, ये तब का है जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बने थे.
प्रवासी भारतीय दिवस के परिचर्चा सत्र को सम्बोधित करते हुए भाजपा के प्रधानमन्त्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने प्रवासी भारतीयों से चुनावी प्रक्रिया और देश में हो रही क्रान्ति में हिस्सा लेने को कहा था.
मोदी ने तात्कालिक प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह द्वारा की गयी टिप्पणी पर चुटकी लेते हुए कहा हमारे प्रधानमन्त्री जी ने कल ही कहा कि निराश होने की जरूरत नहीं, अच्छे दिन जल्द आने वाले हैं. मैं उनकी बात से सहमत हूँ. मुझे और कुछ कहने की जरूरत नहीं. आपको चार-छह महीने इंतजार करना पड़ सकता है. अच्छे दिन निश्चित तौर पर आयेंगे. मोदी का संकेत लोकसभा चुनाव के बाद केन्द्र में भाजपा के नेतृत्व में बनने वाली अपनी सरकार की ओर था.
मनमोहन सिंह उर्दू भाषा के जानकार हैं अत: उन्होंने क्रान्तिकारी पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल की पुस्तक क्रान्ति गीतांजलि की कविता से प्रेरित होकर आने वाला समय बेहतर होने की टिप्पणी की थी. परन्तु कुशल राजनीतिज्ञ नरेन्द्र मोदी ने उसे एक नारे में प्रचारित करके अपनी पार्टी के पक्ष में भुना लिया.
मोदीजी की प्रचार टीम ने पहले चरण में जनता माफ नहीं करेगी नारे के साथ लोगों की समस्याओं पर ध्यान केन्द्रित किया और अगले चरण में समस्याओं को सुलझाने के लिये अच्छे दिन आने वाले हैं जैसा क्रान्तिकारी नारा देकर भारतीय राजनीति में इतिहास रच दिया.
उसी तरह नरेंद्र मोदी द्वारा चाय बेचने के ताने को उन्होंने अपने ही पक्ष में प्रचार प्रसार में कैसे उपयोग किया ये तो पूरी दुनिया जान गई है. महाभारत में यदि कृष्ण अपना चातुर्य उपयोग में न लाए होते तो महाभारत का अंत कुछ और ही हुआ होता.
चाणक्य को लोग कूटनीतिज्ञ कहते हैं ये जानते हुए कि अपनी कूटनीति उन्होंने मात्र देश और राजा की रक्षा और उसके शासन के लाभ के लिए की. आज विपक्ष में बैठे लोग लाख मोदी को चतुर चालाक कहते रहें लेकिन वे भी जानते हैं कि ये चातुर्य उन्होंने केवल देश के हित के लिए अपनाया है. और देश की जनता इतनी भी भोली नहीं है कि एक कूटनीतिज्ञ और कुशल नीतिज्ञ में फर्क न समझें.
तभी तो माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केवल देश पर ही राज नहीं कर रहे, जनता के दिलों पर भी राज कर रहे हैं. आप खुद ही बताइये इसके पहले किस राजनेता को लोगों ने इतने प्यार से अलग अलग नामों से पुकारते हुए जन्मदिन की बधाई दी है?
नमो, मोदीजी, प्रधानमंत्रीजी तक तो ठीक है… ये सिर्फ और सिर्फ मोदीजी का देश की जनता के लिए प्रेम है कि पिछले वर्ष उनके जन्मदिन पर उन्हें बधाई देते हुए उनकी प्रजा ने लिखा था – ‘जीयो मेरे राजा’ !!!
Comments
#Uncategorized

No comments
Post a Comment