लखनऊ। एक बाद एक पत्रकारों के साथ हो रही घटनाओं को लेकर आजकल सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर इस तरह की कुछ लाइनें पोस्ट की जा रही हैं। लाइनें ये हैं कि ”अँधेरा इतना है मेरे देश में… पत्रकार जलाए जा रहें हैं”। सरकार इस संबंध में कार्रवाई तक नहीं कर रही है। बात अगर उत्तर प्रदेश में पत्रकार जगेंद्र की हत्या की करें तो आरोपी मंत्री आजाद घूम रहे हैं। हालांकि परिवार से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तीस लाख के मुआवजे और घर के दो लोगों को नौकरी का भरोसा दिया है।
जगेंद्र के परिवार वाले धरने पर बैठे थे और अखिलेश यादव के इस भरोसे के बाद धरना खत्म हो गया। आपको बताते चलें कि जगेंद्र यादव को जिंदा जला दिया गया था। यूपी के मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा पर हत्या का आरोप है। घरवालों ने आरोप लगाया है कि कि मंत्री की तरफ से पैसे लेकर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है।
केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस
सर्वोच्च न्यायालय ने जगेंद्र सिंह की हत्या की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का निर्देश देने संबंधित अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किए। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमवाई इकबाल और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अवकाशकालीन पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र तथा राज्य सरकार को नोटिस जारी किए हैं। भारतीय प्रेस परिषद को भी नोटिस जारी किया गया है। न्यायालय ने राज्य एवं केंद्र सरकार तथा प्रेस परिषद से दो सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा है।
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