नई दिल्ली। बांग्लादेश से मिली करारी शिकस्त के बाद टीम के कप्तान धोनी पर जहां चारों ओर से उंगली उठ रही हैं वही दूसरी ओर टीम के कोच को लेकर जिस तरह से धोनी ने अपने विचार रखे हैं उससे जग-जाहिर हो गया है कि धोनी नहीं चाहते हैं कि टीम के कोच रवि शास्त्री बनें।
मालूम हो कि धोनी ने कहा है कि प्लेयर्स के लिए सपोर्ट स्टाफ में पर्याप्त लोग हैं और अगर कोच का पद कुछ समय तक खाली भी रहे तो कोई परेशानी नहीं है। केवल कोच की सीट भरने के लिए किसी को भी कोच नहीं बना देना चाहिए, बेहतर होगा कि बीसीसीआई इस मु्दे पर गंभीरता से विचार करे। धोनी ने डंकन फ्लेचर की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने बहुत मुश्किल वक्त में टीम का साथ दिया लेकिन उन्हें कभी भी मीडिया की ओर से सराहना नहीं मिली इसलिए मेरा मानना है कि टीम के कोच के लिए अगर हमें थोड़े दिन इंतजार भी करना पड़े तो हम कर लें क्योंकि हमारे पास टीम का पूरा ख्याल रखने के लिए भारी-भरकम स्टॉफ है।
आखिर धोनी कप्तानी छोड़ने की धमकी क्यों दे रहे हैं?
धोनी की इस बात का मतलब क्रिकेट के जानकार और टीवी चैनलों पर चल रही बहस में यह निकल कर आ रहा है कि शायद धोनी नहीं चाहते कि टीम की कमान रवि शास्त्री को सौंपी जायें क्योंकि वो विराट कोहली के काफी करीब हैं और विराट ही ने धोनी को कप्तानी में रिप्लेस किया है। विराट ने तो जोर-शोर से रवि शास्त्री के कोच बनने पर खुशी जताई है। मालूम हो कि रवि शास्त्री को बीसीसीआई ने बांग्लादेश दौरे के लिए कोच बनाया है, ऐसी खबर है कि बीसीसीआई अपने इस वैकल्पिक फैसले को फाइनल फैसले में भी बदल सकती है और वो 7 करोड़ में रवि शास्त्री को टीम इंडिया का कोच बना सकती है।
तो क्या क्रिकेट के मैदान के जय-वीरू हैं विराट-शास्त्री, उगलेंगे शोले!
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