delhi government v/s modi government दिल्ली की जंग में मोदी भूल गए अपनी चोट?
दिल्ली के उप राज्यपाल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर लोकतंत्र के दो पहलुओं की ओर ध्यान खींचा है- वैधानिकता और परंपरा। हो सकता है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा न मिलने के कारण उपराज्यपाल के पास कुछ शक्तियां हों लेकिन राजनीतिक और लोकतांत्रिक पैमाने पर देखें तो केजरीवाल अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, शिवराज सिंह चौहान और ऐसे ही अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तुलना में कहीं से भी कमतर जनप्रतिनिधि नहीं हैं।
दिल्ली सरकार और राज्यपाल नजीब जंग के बीच चल रहे गतिरोध का मामला राष्ट्रपति तक पहुंच चुका है।
इसे भी ध्यान में रखना चाहिए कि भारतीय संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली ब्रितानी संसदीय तंत्र से प्रेरित है, जो कि परंपरा पर आधारित है। लेकिन हमारे पास लिखित संविधान है और इसमें कानून और धाराएं लिखी हुई हैं।
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