नयी दिल्ली (ब्यूरो)। रविवार को देश योग के रंग में रंगा दिखा। ऐसा लग रहा था जैसे पूरा देश राजपथ पर उमड़ आया हो। किसी ने सराहा तो किसी ने नकारा, कोई कार्टून बनाकर अपनी मन की बात कह रहा था तो कोई अलग-अलग तरीके के योग आसन यू ट्यूब पर डाल रहा था। ट्वीटर तो मानों योग का आश्रम बन गया हो। इसी बीच अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का शरीक ना होना सवालों के घेरे में आ गया और इस सवाल को खड़ा कर भाजपा महासचिव राम माधव कटघरे में।
जी हां योग दिवस पर राजपथ पर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की गैर मौजूदगी का मामला तूल पकड़ रहा है। सबसे पहले माधव ने ट्वीट कर सवाल उठाए कि राष्ट्रपति ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया जबकि उपराष्ट्रपति इससे गैरहाजिर रहे। बीजेपी नेता राम माधव ने पहले तो उनकी गैरमौजूदगी पर सवाल उठाए और फिर माफी भी मांग ली। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति बीमार हैं और यह उन्हें नहीं पता था। खबरें उठीं तो उपराष्ट्रपति के ऑफिस की ओर से भी बयान जारी किया गया।
इस बयान में बताया गया कि उन्हें तो आमंत्रित ही नहीं किया गया था। इस बयान में साफ कर दिया गया कि वे बीमार नहीं थे। यह भी कहा गया कि उपराष्ट्रपति उन कार्यक्रमों में शरीक होते हैं, जिनमें संबद्ध मंत्री प्रोटोकॉल के तहत उन्हें आमंत्रित करते हैं। इस पूरे मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पहला सवाल ये कि इतने बड़े आयोजन में उपराष्ट्रपति को बुलाना कैसे भूला जा सकता है।
दूसरा सवाल ये कि क्या राम माधव का उपराष्ट्रपति की गैरमौजुदगी पर सवाल उठाना सही था? आपको बताते चलें कि गणतंत्र दिवस समारोह में उन पर सवाल खड़े किए गए थे। सोशल मीडिया में इस तरह के पोस्ट किए गए थे कि उपराष्ट्रपति ने तिरंगे को सैल्यूट क्यों नहीं किया? हालांकि बाद में साफ हुआ कि ऐसा उन्होंने प्रोटोकॉल के तहत किया था।
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