Sasikala कैसे पहुंचीं CM की कुर्सी तक
चेन्नईः तमिलनाडु में रविवार को नेतृत्व परिवर्तन पर मुहर लग गई. सत्तारूढ AIADMK के विधायकों की बैठक में पार्टी महासचिव वीके शशिकला को अपना नेता चुन लिया गया. लगे हाथ मौजूदा CM ओ पनीरसेल्वम ने इस्तीफा देकर जगह खाली कर दी. हालांकि कि राजनीतिक विश्लेषक और तमिलनाडु की राजनीति पर नज़र रखने वालों को इस पूरे घटनाक्रम पर कोई अचरज नहीं हुआ है.
शशिकला कैसे पहुंचीं सीएम की कुर्सी तक
जयललिता के निधन के बाद पार्टी के अंदर सबसे बड़ा सवाल यह था कि उनकी राजनीतिक जगह कौन लेगा जो पार्टी के लिए वोट भी ला सकता हो. हर किसी को इसका अंदाज़ा था कि पार्टी की कमान शशिकला के हाथों में ही होगी. हालांकि मुख्यमंत्री की कुर्सी पनीरसेल्वम को मिली. इससे पहले भी वे दो बार राज्य के स्टैंड बाई सीएम रहे चुके थे. लेकिन जयललिता के बाद पार्टी में आए खालीपन को कुछ हद तक शशिकला ही भर सकती है.
जयललिता के निधन के बाद पार्टी के अंदर सबसे बड़ा सवाल यह था कि उनकी राजनीतिक जगह कौन लेगा जो पार्टी के लिए वोट भी ला सकता हो. हर किसी को इसका अंदाज़ा था कि पार्टी की कमान शशिकला के हाथों में ही होगी. हालांकि मुख्यमंत्री की कुर्सी पनीरसेल्वम को मिली. इससे पहले भी वे दो बार राज्य के स्टैंड बाई सीएम रहे चुके थे. लेकिन जयललिता के बाद पार्टी में आए खालीपन को कुछ हद तक शशिकला ही भर सकती है.
दूसरी ओर, वोट लाने के मामले में शशिकला और ओ पनीरसेल्वम दोनों की क्षमताओं को अभी परखा जाना बाक़ी है क्योंकि चुनाव में अभी चार साल से अधिक समय बचा है.
वैसे जयललिता ने कभी भी अपने उत्तराधिकारी के तौर पर किसी के नाम की घोषणा नहीं की थी.
एक अन्य महत्वपूण बात ये भी है कि द्रविड़ पार्टियां एआईडीएमके या डीएमके कम्युनिस्ट पार्टियों के तर्ज पर बनाई गई थी. इस ढर्रे के तहत पार्टी प्रमुख सरकार के मुखिया से ज्यादा महत्व रखता है और पार्टी कैडरों का सरकार में काफी प्रभाव होता है. शशिकला के साथ पहले से एआईडीएमके की कमान थी ऐसे में सीएम बनने का रास्ता भी उनके आसान रहा. हालांकि पार्टी कैडर उतना खुश नहीं हैं.
पार्टी कैडर की नाखुशी के बाद भी शशिकला के सत्ता के शीर्ष तक की एक वजह विधायकों का उनको समर्थन है. ऐसा इसलिए है क्योंकि टिकट बांटने में सालों से उनकी भूमिका अहम रही है.
एम नटराजन की भूमिका
1991 जयललिता के मुख्यमंत्री के तौर पर उभरने के पीछे शशिकला के पति एम नटराजन का ही हाथ माना जाता है. उन्होंने आगे बढ़ने में जयललिता को सहारा दिया. वो एक बड़े कूटनीतिक व्यक्ति हैं. वो आधुनिक जमाने के कौटिल्य हैं. अगर वो जयललिता के लिए ऐसा कर सकते हैं तो फिर अपनी बीवी के लिए क्यों नहीं. उन्होंने यहा भी अहम भूमिका निभाई है.
1991 जयललिता के मुख्यमंत्री के तौर पर उभरने के पीछे शशिकला के पति एम नटराजन का ही हाथ माना जाता है. उन्होंने आगे बढ़ने में जयललिता को सहारा दिया. वो एक बड़े कूटनीतिक व्यक्ति हैं. वो आधुनिक जमाने के कौटिल्य हैं. अगर वो जयललिता के लिए ऐसा कर सकते हैं तो फिर अपनी बीवी के लिए क्यों नहीं. उन्होंने यहा भी अहम भूमिका निभाई है.
Sasikala How To Become Tamilnadu CM
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